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अध्याय:4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र

NCERT SOLUTION CLASS XII POLITICAL SCIENCE IN HINDI
अध्याय:4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र

1.तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दे ?
क) विश्व व्यापर संग्ठन में चीन का प्रवेश
ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
उत्तर-
1.     यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
2.     आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
3.     यूरोपीय संघ की स्थापना
4.     विश्व व्यापर संग्ठन में चीन का प्रवेश

2. आसियान वे या आसियान शैली क्या है ?
क) आसियान के सदस्य देशों की जीवन शैली है
ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज का स्वरूप है l
ग) आसियान सदस्यों की रक्षा नीति है l
घ) सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है l
उत्तर- घ)

3. इनमे से किसने खुले द्वार की नीति अपनाई ?
क) चीन
ख) यूरोपीय संघ
ग) जापान
घ) अमेरिका
उत्तर-  क)

4. खाली स्थान भरें ?
क) 1962 में भारत और चीन के बीच .......................और ..................... को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी l
ख)आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में ............... और ................. करना शामिल है l
ग) चीन ने 1972 में ............. के साथ दोतरफा सम्बन्ध शुरू करके अपना एंकतवास समाप्त किया l
घ) .............. योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थपना हुई l
ड) ................. आसियान का एक स्तम्भ है, जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले देखता है l
उत्तर-
क) अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों और लदाख l
ख) आर्थिक विकास को तेज करना और सामाजिक एवं सांस्क्रतिक विकास प्राप्त है l
ग)  अमेरिका l
घ) माशर्ल l
ड) आसियान सुरक्षा समुदाय l

5. क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य है ?
उत्तर- क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के निम्नलिखित उद्देश्य है l 
1.     क्षेत्रीय देशों के लोगों का कल्याण और जीवन में गुणात्मकता लाना l
2.     क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति एवं सांस्कृतिक विकास लाना l
3.     सामुहिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना l
4.     अन्य देशों के साथ सहयोग करना l
5.     आर्थिक, सामाजिकसांस्कृतिक, तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना l
6.     एक-दुसरे की समस्याओं के लिए आपसी विश्वास, समझबुझ व सह्दयता विकसित करना l
7.     अन्य क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना l

6. भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर क्या असर होता है ?
उत्तर- भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर निम्नलिखित सकारात्मक असर होता है
1.     भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर सकारात्मक असर होता है भौगोलिक निकटता के कारण उस क्षेत्र के देशों की कई समस्याएं, धर्म, रीति-रिवाज तथा भाषाएं समान होती है, जिसके कारण एक क्षेत्रीय संगठन के निर्माण में मदद मिलती है l
2.     क्षेत्रीय संगठनों से सम्बधित देशों में परस्पर सहयोग एवं संगठन की भावना पैदा होती है l क्षेत्रीय संगठनों के कारण सम्बधित देशों में शत्रुता एवं युद्ध की भावना न होकर बन्धुत्व एवं शान्ति की भावना पैदा होती है l

7. आसियान विजन 2020 की मुख्य-मुख्य बातें क्या है l
उत्तर- आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें निम्नलिखित है l
1.     आसियान विजन 2020 में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रभुखता दी गई है l
2.     हनोई कार्य योजना के तहत क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, व्यापारिक उदारीकरण तथा वित्तीय सहयोग की वृद्धि के लिए विभिन्न उपाय निर्धारित किये गये है l
3.     आसियान विजन 2020 के एक आसियान सुरक्षा समुदाय, एक आसियान आर्थिक समुदाय तथा एक आसियान सामाजिक एवं सासंस्कृतिक समुदाय बनाने की संकल्पना की गई है l

8. आसियान समुदाय के मुख्य स्तभों और उनके उद्देश्यों के बारे में बताएं ?
उत्तर- आसियान समुदाय के तीन मुख्य स्तंभ है जो कि निम्नलिखित है आसियान सुरक्षा समुदायआसियान आर्थिक समुदाय, और आसियान सामाजिक-सासंस्कृतिक समुदाय
1.     आसियान सुरक्षा समुदाय यह समुदाय आसियान देशों के बीच होने वाले टकरावों को दूर करता है l
2.     आसियान आर्थिक समुदाय आसियान देशों का साझा बाज़ार और उत्पादन आधार तथा क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है l
3.      आसियान सामाजिक-सासंस्कृतिक समुदाय यह समुदाय आसियान देशों के बीच सामाजिक एवं सासंस्कृतिक सम्बन्धों को बढ़ावा देता है l

9. आज की चीनी अर्थ-व्यवस्था नियंत्रित अर्थ-व्यवस्था से किस तरह अलग है ?
उत्तर- आज की चीनी अर्थ-व्यवस्था निम्नलिखित रूप से अलग है :
1.     चीनी अर्थ-व्यवस्था की नीति विदेशी पूंजी और प्रौधोगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त करना है l चीन ने वर्तमान समय में बाजारोंमुखा अर्थ-व्यवस्था को अपनाया है
2.     चीनी ने शॉक थेरेपी की अपेक्षा की चरण से अपनी अर्थ-व्यवस्था को बाजारोंमुखा बनाया
3.     चीनी ने 1982 में कृषि एवं  1998 में उधोगों का निजीकरण किया lआर्थिक विकास के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना की गई l दुसरे शब्दों में हम कह सकते है l कि वर्तमान चीनी अर्थ-व्यवस्था 1950 की चीनी अर्थ-व्यवस्था की अपेक्षा आधिक खुलापन लिये हुए है l

10. किस तरह यूरोपीय देशों ने युद्ध के बाद की अपनी परेशानियाँ सुलझाई ? संक्षेप में उन कदमों की चर्चा करें जिनसे होते हुए यूरोपीय संघ की स्थापना हुई ?
उत्तर-
1.     यूरोपीय देशों ने दुसरे विश्व युद्ध के पश्चात् आपसी बातचीत, सहयोग एवं परस्पर विश्वासों के आधार पर अपनी परेशानियों को दूर किया l यूरोपीय देशों ने अपने आर्थिक विकास के लिए 1948 में मार्शल योजना के अधीन यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की l राजनीतिक सहयोग के लिए यूरोपीय देशों ने 1949 में यूरोपीय परिषद् की स्थापना की l  1957 में इन देशों ने यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) की स्थापना की l
2.     सन 1985 में यूरोपीय देशों के प्रयासों से जर्मनी का एकीकरण हुआ l 1992 में यूरोपीय देशों ने मरिस्टर सन्धि पर हस्ताक्षर करके यूरोपीय संघ की स्थापना की l

11.यूरोपीय संघ को क्या चीज़े एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती है
उत्तर-  यूरोपीय संघ के प्रभावी में निम्नलिखित संगठन है l
1.     यूरोपीय संघ यूरोपीय देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है यूरोपीय संघ का अपना झण्डा, गान, स्थापना दिवस तथा मुद्रा है l जो इसे शक्तिशाली स्थिति प्रदान करते है यूरोपीय संघ का विश्व राजनीति में आर्थिक,राजनौतिक, कुटनीतिक तथा सैनिक महत्व बहुत अधिक है यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है l
2.     यूरोपीय संघ के देश ब्रिटेन एवं फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य है तथा इनके पास परमाणु हथियार भी है यूरोपीय संघ के पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है l ये सभी तत्व यूरोपीय संघ को एक प्रभावशाली संगठन बनाने में मदद प्रदान करते है l

12. चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्था में मौजूदा एकधुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है l क्या आप इस कथन से सहमत है l अपने विचारों की बताएं ?
उत्तर-
1.     भारत एवं चीन विश्व की उभरती हुई दो आर्थिक व्यवस्थाएं है l वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति को दोनों देश प्रभावित करने की क्षमता रखते है l इसलिए समय-समय पर कहा जाता है कि चीन एवं भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका को चुनौती देने की स्थिति में है l
2.     चीन संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है l इसके पास परमाणु शक्ति है l चीन के पास विश्व की सबसे बड़ी सेना है l इसके साथ चीन बड़ी तेज़ी से अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व स्तरीय बना रहा है l
3.     जहाँ तक भारत का प्रश्न है l तो कुछ समीक्षक भारत को आने वाले समय की महाशक्ति के रूप में देख रहे है l भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है l भारत ने संचार, तकनीकी,विज्ञान एवं सूचना के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में किसी देश से अधिक उन्नति की है l
4.     भारत के पास एक शक्तिशाली सेना है , तथा भारत पर परमाणु सम्पन्न जिम्मेदार राष्ट्र है l अमेरिका ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को देखते हुए ही भारत के साथ असौनिक परमाणु समझौता किया है l
अतः कहा जा सकता है कि आने वाले समय में चीन एवं भारत एकपक्षीय विश्व को चुनौती दे सकते है l

13. मुल्कों की शान्ति और समृद्धि क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है l इस कथन की पुष्टि करें l
उत्तर- लोगों के सर्वागीण विकास के लिए विश्व में शान्ति एवं व्यवस्था का होना आवश्यक है l इसके साथ-साथ प्रत्येक देश का आर्थिक विकास होना भी आवश्यक है l इन दोनों शर्तों को क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बनाकर पूरा किया जा सकता है l इसलिए कहा जाता है, कि विश्व शान्ति एवं समृद्धि के लिए क्षेत्रीय आर्थिक संगठन आवश्यक है l अतः अधिकांश महाद्वीपों में क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बने हुए है,जैसे यूरोप में यूरोपीय संघ, एशिया में आसियान तथा सार्क ये संगठन सम्बन्धित देशों के आर्थिक विकास को अधिक बढ़ावा देने तथा इन्हे युद्ध से दूर रखते है l ताकि क्षेत्र एवं विश्व में शान्ति बनी रहे l

14. भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएं कि वृहत्तर सहयोग के लिए इन्हें निपटाया जा सकता है ? अपने सुझाव भी दीजिए l
उत्तर- भारत और चीन दो पडोसी देश हैं l दोनों देशों के मध्य ऐसे बहुत से मुद्दे हैं ,जो दोनों देशों के सम्बन्धों में तनाव भी पैदा करता हैं l
1.     सीमा विवाद -भारत -चीन के मध्य सर्वाधिक तनावपूर्ण मुद्दा सीमा विवाद है l 1962 को भारत -चीन युद्धके समय चीन ने बहुत से भारतीय क्षेत्र पर अधिकार कर लिया ,जिसे आज भी चीन अपने क्षेत्र में बताता है l
2.     मैकमोहन रेखा-मैकमोहन रेखा ऐसी रेखा है जो भारत और चीन के क्षेत्र की सीमा निश्चित करती है l यह रेखा 1914ई० में भारत -चीन और तिब्बत के प्रतिनिधियों के एक सम्मलेन द्वारा निश्चित की गई थी l 1956 तक चीन ने कभी भी मैकमोहन रेखा को स्वीकार करने से स्पष्ट इन्कार नहीं  किया था,किन्तु 1956 के पश्चात् चीन ने इस सीमा रेखा सम्बन्धी अपनी आपत्ति को प्रकट करना आरम्भ कर दिया था l
3.     चीन का पाकिस्तान कों हथियार की आपूर्ति करना- चीन ने सदैव पाकिस्तान को हथियार की आपूर्ति की है , जिनका प्रयोग पाकिस्तान भारत के विरुद्ध करता है l इसके लिए भारत ने कई बार चीन से अपना विरोध जताया है l
4.     भारत द्वारा दलाईलामा को समर्थन देना- चीन को सदैव इस बात पर आपत्ति रही है l कि भारत दलाईलामा का समर्थन करता है l
5.     भारत एवं चीन के वृहतर सहयोग के लिए सर्वप्रथम अपने सीमा विवाद को सुलझाना चाहिए l दोनों देशों को इस प्रकार का रास्ता निकलना चाहिए l जो दोनों देशों को मंजूर हो l
6.     चीन को मैकमोहन रेखा के विषय में भारत से सहयोग करना चाहिए l चीन द्वारा पाकिस्तान को की गई हथियारों की आपूर्ति भारत-चीन सम्बन्धों में तनाव पैदा करती है l अतः चीन को पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति के समय सतर्क रहने की आवश्कता है l
7.     दलाईलामा के विषय पर भी दोनों देशों की बातचीत द्वारा एक सर्वमान्य उपाय निकालना चाहिए l इन सभी उपायों द्वारा ही इस क्षेत्र का विकास हो सकता है l


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